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अंबेडकर नगर
निलंबित वीडीओ की बहाली के लिए 10 हजार रुपये की घूस लेते विकास भवन में तैनात नाजिर को अयोध्या से आई एंटी करप्शन टीम ने जनपद न्यायालय गेट के पास शुक्रवार को धर दबोचा। उसे सीधे अकबरपुर कोतवाली ले जाया गया जहां टीम प्रभारी की तरफ से केस दर्ज कराकर कोतवाली पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। रामनगर ब्लॉक में तैनात रहे ग्राम विकास अधिकारी विनोद कुमार को बीते 29 फरवरी को निलंबित कर दिया गया था। एक महिला ने संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायत की था कि एक व्यक्ति के घर का निर्माण पूरा हुए बगैर उसका घर दिखाकर भुगतान कर दिया गया। महिला का कहना था कि जियो टैगिंग उसके घर की कर दी गई। जांच के बाद डीडीओ सुनील कुमार तिवारी ने आरोपी वीडीओ विनोद कुमार गुप्त को निलंबित कर दिया था।
निलंबन में कई तथ्यों का ध्यान न रखने का हवाला देकर विनोद ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। छह मार्च को कोर्ट ने निलंबन पर स्टे दे दिया। इसके बाद वीडीओ ने बहाली की कोशिश शुरू की लेकिन सफलता नहीं मिली। विनोद के अनुसार उनसे पैसे की मांग शुरू हो गई। इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई तो एंटी करप्शन के हवाले मामला कर दिया गया। तय योजना के तहत विनोद ने शुक्रवार को विकास भवन के नाजिर वीरेंद्र सिंह चौहान को पैसा देने के लिए बाहर बुलाया। वे विकास भवन से निकलकर जनपद न्यायालय गेट के निकट पहुंचे।
वहां जैसे ही नाजिर ने विनोद से 10 हजार रुपये की घूस ली तभी एंटी करप्शन टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। 12 सदस्यीय टीम का नेतृत्व अयोध्या से आए निरीक्षक राय साहब द्विवेदी ने किया। दो गाड़ियों में मौजूद टीम नाजिर को लेकर फौरन अकबरपुर कोतवाली पहुंची। वहां उसके खिलाफ टीम प्रभारी की तरफ से केस दर्ज हुआ। अब अकबरपुर कोतवाली पुलिस गिरफ्तार नाजिर को शनिवार को गोरखपुर स्थित संबंधित कोर्ट में पेश करेगी।